Khun Ka Rista (ख़ून का रिश्ता)

Khun Ka Rista (ख़ून का रिश्ता)

Writer: Bheeshm Sahni

Narrator: Majeed

Category: Classics

Duration: 30min 23sec

Description: मनुष्य भौतिकवादी जब बनता चला जाता है ,तो वो रिश्तों को भूलता चला जाता है , या दूसरे शब्दों कहें तो इंसान रिश्तों को पैसे से और ताकत से तोलने लगता है |क्या यह सही होगा कि इंसान की ईमानदारी उसके अमीर या गरीब होने से आकी जाये ?

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